महाराष्ट्र में बुधवार को भी राजनीतिक उठापटक जारी है। जहाँ एक और एकनाथ शिंदे अपने साथ 40 विधायक होने का दावा कर रहे हैं और गुवाहाटी जाकर Radison होटल में ठहरे हुए हैं। वही दूसरी और संजय रावत ने भी विधानसभा होने के संकेत दे दिए है। शिवसेना के बागी विधायकों के साइन वाली छुट्टी सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है। अब आगे क्या होगा इसका फैसला उद्धव ठाकरे और एकनाथ शिंदे के ऊपर है।
कल एनसीपी की भी एक बैठक होने वाली है। CM उद्धव अपने साथ में सामान ले जा रहे हैं, वही मातोश्री के बाहर शिवसैनिक भी समर्थन देने के लिए जुट गए हैं। भारी मात्रा में महिलाएं और पुरुष उद्धव ठाकरे के पक्ष में नारेबाजी कर रहे हैं।
उद्धव ठाकरे का इमोशनल कार्ड
उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री पद भी छोड़ने की बात कर रहे हैं, लेकिन वह आज नहीं छोड़ रहे बल्कि जो मुख्यमंत्री का आवास है वर्षा उसे छोड़कर मातोश्री लौट रहे हैं। क्योंकि मातोश्री एक तरह से शिवसैनिकों के लिए शक्ति पीठ है यह कोई और देवस्थान से कम नहीं है। उद्धव ठाकरे निकल चुके हैं वर्षा से जा रहे हैं। उद्धव ने वहीं अपने संबोधन में कहा कि मैं पार्टी के लिए मंत्री पद क्या यहां तक कि मैं शिवसेना अध्यक्ष का पद भी त्याग करने को तैयार हूं।
कोई और शिवसैनिक मुख्यमंत्री बनता है तो मुझे खुशी होगी। उनके इस संबोधन के यही मायने निकाले जा रहे हैं कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री पद भी ऑफर किया गया है । ऐसा होता है तो क्या एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के साथ जाएंगे या फिर बीजेपी दोबारा से सत्ता में अपनी वापसी करेगी ?
महाराष्ट्र की राजनीति में आने वाले दिन बहुत दिलचस्प होने वाले हैं। भागे हुए शिवसेना विधायक सियासी उठापटक के कारण माने जा रहे हैं।
शिवसेना ने एनसीपी और कांग्रेस से गठबंधन किया और उनको ज्यादा तवज्जो दी गई, उनको बड़े मंत्रालय दिए गए और अपने विधायकों का ज्यादा ध्यान नहीं रखा। यही कारण है कि कई विधायक काफी टाइम से नाराज चल रहे है। शिव सेना हिंदुत्व के मुद्दों से भटक चुकी है, जो मुद्दों को लेकर जनता के बीच में आए थे अब आने वाले टाइम में जब चुनाव होगा तो उनको उसका खामियाजा भुगतना पड़ सकता है।
एनसीपी को ज्यादा तवज्जो देना और अपने विधायकों को जरूरी फंड तक नहीं उपलब्ध करवाना शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के लिए नुकसान साबित हुआ है। कोरोना काल के दौरान भी शिंदे ने सांसदों को शहरी विकास मंत्रालय से फंड दिलवाये थे ऐसा कर उन्होंने कई शिवसैनिकों का दिल जीत लिया था।
कई सारे विधायक एकनाथ शिंदे के साथ गुवाहाटी चले गए हैं। पहले सारे लोग सूरत गए थे वहां से सबको गुवाहाटी भेज दिया गया है। उद्धव ठाकरे बहुत टाइम से संकट को भाप नहीं पाए, लेकिन अब स्थिति अलग है सरकार बचाने की जरूरत है, अब यह देखना वह कि उनकी कुर्सी बच पाती है या नहीं ? या बीजेपी दोबारा सत्ता में अपनी वापसी करेगी।