आजकल आपने सुना होगा की अपराधियों और उधमी प्रदर्शनकारियों पर भारत सरकार रासुका लगाने के लिए निर्देश देती है. हाल ही में प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी बलात्कारियों पर रासुका यानी लगाने के निर्देश दिए है. क्या है ये रासुका और किन लोगों पर लगाया जाता है जानते हैं विस्तार से:
NSA ka Full Form (रासुका फुल फॉर्म)
NSA का फुल फॉर्म National Security Act यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) है, देश की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए कई बार ऐसा किया गया है.
NSA (रासुका) India Kya hai?
राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम – 1980 देश की सुरक्षा और अखंडता को बनाए रखने के लिए सरकार को कुछ अतिरिक्त शक्तियां प्रदान करता है.
इस कानून के तहत केंद्र और राज्य की सरकारों को किसी भी संदिग्ध नागरिक और कुख्यात अपराधियों को देश की सुरक्षा और न्याय व्यवस्था बनाने के लिए हिरासत में रखने का अधिकार है.
NSA कब बना था ?
भारत की कानून व्यवस्था को सुचारू रूप से चलाने के लिये समय समय पर नये कानून बनाये जाते है और जरूरत के अनुसार पुराने कानूनों में भी संशोधन किया जाता है. देश के ये कानून शांति व्यवस्था बनाये रखने में महत्वपूर्ण रोल अदा करते है. रासुका यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून भी इसी उद्देश्य से 23 सितंबर, 1980 को इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान लागू किया गया था. का मकसद देश की सरकारों को जरुरत पड़ने पर अतिरिक्त शक्तियां प्रदान करना था.
रासुका (NSA) किन नागरिकों पर लगाया जा सकता है?
- कोई भी ऐसा व्यक्ति जो देश की कानून व्यवस्था को सुचारु रूप से चलाने में सरकार या पुलिस के सामने बाधा खड़ी कर रहा है या देश की सुरक्षा के लिये खतरा है तो उसे रासुका के अंतर्गत हिरासत में रखा जा सकता है. इस कानून का इस्तेमाल जिलाधिकारी, पुलिस आयुक्त, राज्य सरकार अपने सीमित दायरे में भी कर सकते है.
- वांछित अपराधियों, बलात्कारियों, दबंगों और कोई भी ऐसा व्यक्ति जो देश की सम्पति या अखंडता के लिये हानिकारक है, उस पर भी रासुका के तहत कार्यवाही की जा सकती है.
- अगर सरकार को लगता है की कोई भी व्यक्ति देश की सुरक्षा सुनिश्चित करने वाले कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रहा है तो उसे हिरासत में लिया जा सकता है.
रासुका में सजा का क्या प्रावधान है ?
- NSA के तहत किसी भी संदिग्ध नागरिक को बिना किसी आरोप के 12 महीने तक बंदी रखा जा सकता है. उससे पहले राज्य या केंद्र सरकार को यह सुनिश्चित करना होता है की उस व्यक्ति को रासुका के तहत हिरासत में लिया गया है.
- रासुका के तहत हिरासत में लिए गए व्यक्ति को उनके खिलाफ बिना आरोप तय किए 10 दिनों के लिए हिरासत में रखा जा सकता है.
- रासुका लगने पर व्यक्ति उच्च न्यायालय के सलाहकार बोर्ड के समक्ष अपील कर सकता है लेकिन उसको किसी वकील करने की अनुमति नहीं है.
किन किन लोगो पर रासुका लग चुका है ?
- सोशल मीडिया पर सरकार की आलोचना करने पर मणिपुर के पत्रकार किशोरचंद्र वांगखेम को जेल में रखा गया था.
- NSA के तहत भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर को कई महीने तक जेल में रखा गया था.