टिकैत एक झूठी राजनीती और विपक्ष का सहारा बन चुके है. आजकल वो कभी धारा 370 को किसानो से जोड़ देते है तो कभी बंगाल में बीजेपी की हार का जश्न मनाने लगते है. मीडिया के सवालों से हमेशा बचने की फ़िराक में रहने वाले राकेश टिकैत आज ग़ाज़ीपुर में बीजेपी नेताओं पर जमकर बरसे.
हुआ यूँ की ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर बीजेपी कार्यकर्ताओं और किसान प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हो गई. राकेश टिकैत ने कहा – वो वहां पर आ गए और अपने किसी नेता का स्वागत करना चाह रहे थे, ये कैसे हो सकता है. ये मंच संयुक्त मोर्चे का है, अगर मंच पर जाना है तो इसमें शामिल हो जाओ.
सड़क पर मंच होने का मतलब ये नहीं की कोई भी मंच पर आ जायेगा, आना है तो बीजेपी छोड़ कर आएं. जो कब्ज़ा करने की कोशिश करेगा उसके बक्कल उधेड़ दिए जाएंगे.
बीजेपी कार्यकर्ताओं का कहना है कि किसान प्रदर्शनकारियों ने उनपर पथराव किया.
”हां, धमकी दे रहा हूं”
टिकैत ने आरोप लगाया की बीजेपी कई दिन से उनके आंदोलन पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रही है. ३ दिन से कई जगह से ये लोग आ रहे है. लेकिन यहाँ गोला-लाठी का सामान तैयार है उनका इलाज किया जाएगा.
अब भला टिकैत साहब को कौन बताये की जिस सड़क पर वो धरना दे रहे है न जाने कितने लोगो को परेशानी हो रही है. जगह जगह रास्तो को डाइवर्ट करना पड़ा है.
ये तो विपक्ष से पैसा खा कर अपनी झूठी राजनीती को चमकाने में लगे है. कितने किसानो से जाकर इन्होने बात की है, भारत में सिर्फ मेरठ, मुज़्ज़फरनगर ही नहीं बहुत से गांव है. कितने किसानो की मदद की है? कितने किसानो का दुःख दर्द बांटा है? जब कृषि कानून को लेकर इनसे मीडिया पूछती है की उस में खामियां बताएं तो ये आये दिन स्टेज छोड़ के भाग जाते है. सरकार संशोधन करने के लिए तैयार है लेकिन फिर क्या है जो टिकैत को रोक रहा है?
क्या किसानो की स्थिति इतनी अच्छी है की नए कृषि कानून की जरुरत ही नहीं है?