दिल्ली के मंगोलपुरी में रिंकू शर्मा की हत्या का मामला अब राजनीतिक रंग लेता जा रहा है| एक और जहाँ पुलिस कह रही है की बर्थडे पार्टी में झगड़ा होने के बाद रिंकू का मर्डर किया गया, वहीँ विश्व हिन्दू परिषद्, बीजेपी और रिंकू के परिवार वाले तुच्छ मजहबी मानसिकता को इसका कारण बता रहे है|
रिंकू के परिजनों का कहना है की राम मंदिर से जुड़े होने के कारण उसकी हत्या की गयी है| बुधवार रात मंगोलपुरी में रिंकू शर्मा नामक एक युवक की चार लोगों ने चाकू गोंदकर हत्या कर दी. उनकी इतनी हिम्मत बढ़ गयी की वो रिंकू का पीछा करते हुए उसके घर में घुस गए और ताबड़तोड़ चाक़ू से बार कर के उसको मौत के घाट उतार दिया|
पुलिस कह रही है की यह हत्या बर्थडे पार्टी में रेस्त्रां खोलने को लेकर हुए विवाद में की गई. पुलिस ने आरोपियों की पहचान मोहम्मद दानिश, मोहम्मद इस्लाम, जाहिद और मोहम्मद मेहताब के रूप में की है. दानिश और इस्लाम दर्जी हैं, जाहिद एक कॉलेज छात्र है और मेहताब कक्षा 12 में पढ़ता है.
रिंकू के भाई के अनुसार रिंकू इसलिए निशाने पर आ गया क्योंकि वो एक राम भक्त था, राम मंदिर निर्माण से जुड़ा था और बीजेपी के कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया करता था.
आरोपी पीछा करते हुए घर तक आ गए, जमकर मारपीट की और रिंकू पर चाकू से हमला कर दिया. चाकू रिंकू की पीठ में ही था. उसकी अस्पताल में मृत्यु हो गयी.
लोगो में इस मर्डर को लेकर आक्रोश है खासकर इस बात को लेकर के राम मंदिर के नाम पे एक हिन्दू की हत्या करना कितना जायज़ है क्या यही सिला मिला है हिन्दुओ को सेक्युलर होने का, और हो भी क्यों ना गर यही किसी मुस्लिम या दलित के साथ हुआ होता तो अब तक सोशल मीडिया पे हाहाकार मच गया होता राजनीती के चाटुकार अल्पसंख्यक खतरे में है बोल के सरकार पे निशाना साध रहे होते. लेकिन आज सब चुप है सेकुलरिज्म की हिमाकत करने वाले भी और अलप्संख्यों की हिमाकत करने वाले भी
क्यूंकि हिंदुस्तान में ही हिन्दुओं का खून ही महत्व नहीं रखता बाकी सबका रखता है