ऐसा लगता है की हिन्दुओं की भावनाओं को आहत करना और हिन्दू देवी देवताओं की हसीं बनाना ही बॉलीवुड का एकमात्र उद्देश्य रह गया है। इस हिन्दू विरोधी एजेंडा को बहुत जोर शोर से आगे बढ़ाया जा रहा है। हाल फिलहाल में रिलीज़ हुई तांडव वेब सीरीज में जिस तरह से भगवान शिव और दलित विरोधी दृश्यों को फिल्माया गया है उससे तो यही लगता है की वो टाइम दूर नहीं जब अभिव्यक्ति की स्वतंत्रा के नाम पर हिन्दु धर्म सिर्फ हसीं का पात्र बनकर रह जाएगा
सत्तापक्ष के विरोध में एजेंडा चलने वाले डायरेक्टर इतने अंन्धे हो गए है की उनको फंडिंग के नाम पर हिन्दू विरोधी सामग्री दिखाने में जरा भी शर्म नहीं आती बाद में अगर विवाद बढ़ता है तो बस एक माफ़ी का स्टेटमेंट देकर साइड हो जाते है
चाहे वो अमेज़न प्राइम की पाताल लोक वेब सीरीज हो या नेटफ्लिक्स की सूटेबल बॉय पिछले कुछ सालो में हिन्दू फोबिक वेब सीरीज बनाना आम बात हो गयी है क्यूंकि इससे फिल्म निर्माताओं को मुफ्त की TRP मिल जाती है और विपक्ष से हिन्दफोबिया को आगे बढ़ाने के लिए फण्ड भी मिल जाता है
तांडव वेब सीरीज में मुस्लिम एक्टर ज़ीशान अयूब को भगवान् शिव के रूप में दिखाया गया है हिन्दुओं को किसी भी धर्म के व्यक्ति द्वारा रोल निभाने से आपत्ति नहीं है लेकिन उन्ही भगवान् की हसी बनाना और जोक मारना कही से भी धर्मनिर्पेक्षता की निशानी नहीं है
और जब हिन्दू संघटन इस के खिलाफ आवाज़ उठाते है तो वो बीजेपी या आरएसएस के लोग की श्रेणी में रख दिए जाते है और उनको धर्मनिर्पेक्ष विरोधी तक कह दिया जाता है
विडंबना तो ये है अगर कोई मोहम्मद साब पर वेब सीरीज या कार्टून स्केच बना देता है तो मुस्लमान पूरे शहर को जला देता है और जिसने ये गुस्ताखी की होती है उसकी जान पर आ जाती है उसके सर कलम करने को फतवा तक निकाल दिया जाता है और अगर हिन्दू अपने धर्म के पक्ष में आवाज़ उठता है तो वो सत्तापक्ष का समर्थक या धर्मनिपेक्ष विरोधी कह दिया जाता है
अगर हिन्दू मूवीज और वेब सीरीज में भगवानो का अनादर न करने के लिए आवाज़ उठाता है तो इन लोगो के बोलने का अधिकार की स्वतंत्र्ता को खतरा पैदा हो जाता है
में सिर्फ एक प्रश्न पूछना चाहता हूँ- क्या हिन्दुओं की हसी बनाए बिना कोई वेब सीरीज को हिट नहीं किया जा सकता ?
एक अच्छी फिल्म बिना धर्म को बीच में लाए भी बनाये जा सकती है लेकिन तब इनको पैसा और मुफ्त की पब्लिसिटी कैसे मिलेगी? और हिन्दू ज्यादातर चुप ही रहेगा क्यूंकि वो सेक्युलर है
Tandav is not a web-series but a jihadists agenda to demean Hinduism & create a rift amongst diff castes.
— Ashish Jaggi (@AshishJaggi_1) January 16, 2021
Remember what they did to Kamlesh Tiwari for a joke & Samuel Paty for a cartoon?
We believe in the constitution of India,so requesting @PrakashJavdekar ji to #BanTandavNow pic.twitter.com/yiySoIahgh
आधा हिन्दू तोह सोया रहता है उसको फर्क नहीं की उसके धर्म के साथ क्या किया जा रहा है क्यूंकि वो आस्तिक होकर अपने धर्म को भूल बैठा है लेकिन वही हिन्दू जब मुसलमानो के ऊपर कोई बात आती है तो बिना सही गलत का आंकलन करे उनके साथ धरने और बयानवाजी में आगे आ जाता है कुछ पेसो के लालच में और कुछ अपनी राजनीती चमकाने के लालच में
ये हिन्दफोबिक वेब सीरीज एक प्रयास है हमारी आने वाली पीडियों को अपने धर्म और सभ्यता से दूर ले जाना का क्यूंकि जब बच्चा लगातार ऐसी सामग्री देखेगा तो भटकेगा है
जहाँ हिन्दू सर्ब धर्म समभाव सीखते है वही मुस्लिमो में कट्टरपंथी सिखाई जाती है मैंने खुद सुना है एक मुस्लिम महिला को कहते हुए के क्या हुआ मेरे 1 2 मर जाएंगे हिन्दुओं को मारने में बाकि 5 तो ज़िंदा रहेंगे
Why Bollywood always needs to make fun of Hindu Gods for making a movie ??
— KIZIE (@sushantify) January 16, 2021
How can they abuse our God ??
This web series is full of Hatred against Hindus and Insulting Lord Shiva and Shree Ram #TrackDownSSRKillers#BanTandavNowpic.twitter.com/rRQwZItCiR
हिन्दुओं को कट्टरपंथी बनने की जरुरत तब भी नहीं है ये देश सबका है जरुरत है तो इन जैसे वेब सीरीज निर्मातों को सबक सिखाने की या एक कानून और गाइडलाइन्स बनाने की जिससे हिन्दुओं की भावनाओ को आहात करने वाली सामग्री पे रोक लगाई जा सके